दीदी संग सुबह सवेरे मैं भी स्कूल जाउंगा
मां मुझे बस्ता मंगा दे मैं भी पढ़ने जाउंगा
छोड़ शरारत, पढ़ लिख कर जग में नाम कमाउंगा
मां मैं भी पढ़ने जाउंगा
पढ़ लिख कर मां जब मैं बड़ा हो जाउंगा
कर दूर अंधेरा अशिक्षा का नया सवेरा लाउंगा
छोड़ चुके जो पढ़ना लिखना उनको राह दिखाउंगा
मां मैं भी पढ़ने जाउंगा
दूर होंगे दुख सारे जब बड़ा अफसर बन जाउंगा
दूर गंदगी कर देश की स्वस्थ भारत बनाउंगा
दूर कर झगड़ा सब खुशियों के दीप जगाउंगा
मां मैं भी पढ़ने जाउंगा
Wednesday, September 22, 2010
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